आज की भूतों की मजेदार कहानियां पड़कर बच्चों को बहुत ही मजा आने बाला हे। क्यूंकि ये कहानी बहुत ही रोचक और बहुत ही मजेदार होने बाला हे।
भूतों की मजेदार कहानियां
बच्चों को भूतों की मजेदार कहानियां सुनना और भूतों की मजेदार कहानियां पड़ना बहुत ही पसंद होता हे। और ऐसी कहानियां पड़के बच्चों को बहुत ही ख़ुशी मिलता हे।
क्यूंकि ऐसी भूतों की मजेदार कहानियां सिर्फ बच्चों केलिए लिखा जाता हे। ऐसी भूतों की मजेदार कहानियां कोई डरावनी कहानियां नहीं होता।
ऐसी भूतों की मजेदार कहानियां सिर्फ Comedy Story यानि हसने बाला कहानियां होता हे। जो पड़कर बच्चों की हस्ते पेट फूल जाता हे।
तो बच्चे चलिए देर ना करके शुरू करते हे आज की रोचक और हसी से भरपूर एक मछली खाने बाला भूतों की मजेदार कहानियां।
मछली खाने बाला भूत की कहानी
एक बार की बात हे, शांति पुर नाम करके एक गांव था और इस गांव में बहुत सारे लोग रहता था। लेकिन गांव की नाम शांति पुर होने से भी यहाँ की लोगोका मन में बिलकुल भी शांति नहीं था।
क्यूंकि ये गांव की रास्ते की बिच में एक पैर की ऊपर एक मछली खाने बाला भूत रहता था। और ये भूत बहुत ही शरारती था और गांव बालो को बहुत परेशान करता था।
एकदिन लालू नामके एक आदमी आपने तालाब में मच्छी पकड़ कर उस गांव की रास्ते से जा रहा था और कहे रहा था की, आज मेरी तालाब से में बहुत मच्छी पकड़ा हु और बाजार में आज मच्छी का भाउ बहुत ही ज्यादा हे।
आज मुझे मच्छी बेचकर बहुत पैसे मिलेंगे। ये कहते हुए लालू हस्ते हस्ते उस पेड़ की निचे से जाने ही बाला था तभी मछली खाने बाला भूत उसका रास्ता रोककर सामने खड़ा होकर जोर जोर से हसने लगा।
और कहने लगा, किया रे मच्छी लेकर बाजार में जा रहा हे किया? लालू ने मन ही मन में बीड़ बिडाने लगा, आज मेरा बाजार जाना हो गया लगता हे मछली खाने बाला भूत सभी मछली को आज खा जायेगा।
लालू ने भूत को कहा, हाँ जी आज बहुत ही मुश्किल से तालाब से मच्छी पकड़ा हु और बाजार केलर जा रहा हु बेचने केलिए। मेरा रास्ता छोड़ दो ना भूत जी?
भूत ने हस्ते हस्ते कहा, में तुझे इतना आसानी से कैसे जाने दू? तुझे पाता हे में बहुत दिनों से मछली नहीं खाया हु। अरे मछली का खुसबू से मेरा पेट की अंदर केसा केसा कर रहा हे रे।
लालू ने मन ही मन में बीड़ बिडाने लगा, ये तो मुझे जाने नहीं देगा, अब किया होगा? लालू ने भूत को कहा, भूत जी पेहेले में मछली लेकर बाजार में जाता हु और जो मच्छी नहीं बिकेगा बह सारे मच्छी में घर जाते बक्त तुमको देकर जाऊंगा।
भूत ने कहा, नहीं नहीं नहीं ये तो तो नहीं हो सकता मुझे इंसानो पर कोई बिस्वास नहीं होता समझा। तब लालू ने कहा, अब किया करू, भूत जी मेरा टोकरी से एक मछली ले लो उसके बाद मुझे जाने दो ठीक हे।
भूत ने सोचते हुए कहा, अच्छा ठीक हे पेहेले एक मछली खा कर देखता हु। उसके बाद भूत ने एक मछली खा लिया। लालू ने कहा, भूत जी अब में जा रहा हु ठीक हे।
भूत ने कहा, नहीं नहीं बाबा ऐसा नहीं होगा मुझे और एक मछली खिलाना पड़ेगा। एक मछली में मेरा पेट नहीं भरा मुझे और और एक मछली दे।
लालू ने मन ही मन में बीड़ बिडाने हुए कहा, आरे बाबा ये केसा मुसीबत में पद गया हु अब तो मेरा सब मछली खा लेगा लगता हे। लालूने भूत को कहा, ठीक हे लेकिन ये ही आखड़ी बार। उसके बाद मुझे छोड़ना पड़ेगा।
भूत ने कहा, अच्छा बाबा ठीक हे, अभी तू शांति से खड़ा रहे ये कहेके मछली खाने बाला भूत लालू की टोकरी से एक एक करके सभी मछली खा लिया।
लालू ने कहने लगा, अरे अरे अरे एक एक करके तुमने सारे टोकरी का मछली खा लिया अभी में बाजार में किया लेकर जाऊंगा और में किया बेचूंगा।
सारे मछली खा कर भूत ने हस्ते हस्ते कहा, अरे बाबा मुझे बुरा मत समझना में आपने पेट को कंट्रोल नहीं कर पाया। जा जा जा अब अच्छा लड़का की तरह घर में लोट जा।
लालू ने मन ही मन में सोचा, शाला मछली खाने बाला भूत एकबार मौका मिलते ही तुझे में मजा चखाउंगा। ये सोचकर लालू ने खली टोकरी अपने हाथ में लेकर आपने घर बपाश लोट गया।
कुछ दिन बाद शांति पुर की और एक आदमी फल लेकर उसी रस्ते से बाजार जारहा था फल बेचने केलिए। बह आदमी ये कहते हुए जा रहा था की,
पाता नहीं आज मेरे साथ किया होने बाला हे उस रस्ते में तो मछली खाने बाला भू रहता हे और बाजार जाने केलिए बही एक रास्ता हे, मछली खाने बाला भूत आज कोई परेशान ना करे तो ही अच्छा। कैसे भी करके ये जगह पार हो गया तो बच जाऊंगा।
जैसे ही बह आदमी उस पेड़ के निचे आया तभी बह मछली खाने बाला भूत उस आदमी की सामने आकर खड़ा हो गया और कहने लगा, रुक रुक रुक टोपरी में किया लेकर जा रहा हे?
बह आदमी ने कहा, फल लेकर जा रहा हु तुम तो सिर्फ मछली खाते हो मछली के सिबा तुम तो और कुछ भी नही खाते हो?
भूत ने कहा, कौन बोला हे तुझे में सिर्फ मछली ही खाता हु अगर मछली के साथ साथ दूसरा कुछ नहीं खाया तो शरीर में बिटामिन कम पड़ जायेगा तुझे पाता नहीं किया।
तुझे दिखाई नहीं दे रहा हे बिटामिन का कमी की बजह से मेरा शरीर कैसे दुबला पतला हो गया। बह आदमी ने बीड़ बिड़ते हुए कहा ओरे बाबा आज लगता हे मेरा फल की बारा बजने बाला हे।
बह आदमी भू से कहा, भूत जी मेरा सारे फल बहुत ही खट्टा हे में तुमको कल अच्छा अच्छ मीठा फल लेकर दूंगा ठीक हे, में जाता हु?
भूत ने कहा, नहीं नहीं नहीं सब झूट तुम लोग हर बक्त झूट बोलते हो, तू भी झूट बोल रहा हे, मुझे तुझ पर कोई भरोषा नहीं हे, चुप चाप बही पर खड़ा रेह।
उसके बाद मछली खाने बाला भूत एक एक करके उस आदमी की टोकरी का सारे फल खा लिया और कहा तेरा फल तो बहुत मीठा था लेकिन तू मुझे झूट क्यों बोला अब तेरा गर्दन तोड़ दू किया।
बह आदमी ने कहा, मुझसे बहुत बड़ा गलती हो गया, इस बार केलिए मुझे माफ़ कर दो भूत जी? भूत ने कहा, जा छोड़ दिया तुम लोगो अगर में मार दिया तो मेरा ही नुकसान हे और मेरा खाना की कमी पद जायेगा। जा जा आपने घर में लोट जा।
ये कहते हुए बह आदमी ने भी खली टोकरी लेकर आपने घर बापस लोट आये। एक दिन मछली खाने बाला भूत पैर में बेथ कर आराम कर रहा था और तभी और एक भूत बहा चला आया।
बह दूसरा भूत ने कहने लगा, बहुत ढूढ़ने पर एक अच्छा जगह मिला, मेरा रहे केलिए ये पेड़ एक दम सही हे और इसी रास्ते से गांव की लोग सब्जी, फल, मछली लेकर जब जायेगा तभी में बह लोगो को डरा कर उनका सब कुछ खा जाऊंगा।
तभी मछली खाने बाला भूत ने कहा, कौन हे रे तू? तुझे दिखाई नहीं देता में यहाँ पर हु और ये पैर मेरा घर हे, में तुझे यहाँ रहे नहीं दूंगा, अगर बचना की इच्छा हे तो यहाँ से अभी के अभी भाग जा नहीं तो तेरा नसीब में बहुत दुःख हे।
दूसरा भूत ने कहा, तेरा कहने में हो जायेगा, में तेरी कोई भी नहीं सुनूंगा, आज से में एहि रहूँगा अगर तुजे कोई प्रोब्लेम हे तो तू यहाँ से चला जा।
मछली खाने बाला भूत ने कहा, अरे अरे अरे बाबा ये तेरा मामू का घर लगता हे किया, जो तू बोलेगा बही होगा, में अच्छा से बोल रहा हु यहाँ से कला जा नहीं तो बहुत बुरा होगा।
दूसरा भूत ने कहा, तू भूल मत में भी एक भूत हु और में तुझसे कम नहीं हु ये कहकर दोनों भूतों में बहुत बेहेस होने लगा। तभी लालू बही रस्ते से गुजर रहा था।
दोनों भूत की झगड़ा सुनकर लालू बही रुक गया और सोचा की आज मौका मिला भूतों को सबक सिखाने की। तभी लालू ने कहा, किया हुआ भूत जी किसको लेकर तुम दोनों में बेहेस हो रहा हे?
मछली खाने बाला भूत ने कहा, देख ना लालू में इतना दिनों से इस पैर में रहे रहा हु और ये कहा आकर मुझे बोल रहा हे तू यहाँ से चला जा में यहाँ रहूँगा।
लालू ने कहा, तो आपस में झगड़ा ना करके एक प्रोतिजोगिता करो मतलब जो इस प्रोतिजोगिता में जीतेगा बही इस जगह पर रहेगा और जो इस प्रोतिजोगिता में हार जायेगा बह इस जगह से चला जायेगा।
अब तुम दोनों बोलो इस प्रोतिजोगिता में राजी हो या नहीं? मछली खाने बाला भूत ने कहा, हाँ में राजी हु, और दूसरा भूत ने भी कहा हाँ में भी राजी हु।
अब तुम दोनों ये प्रोतिजोगिता की बारे सुन लो, तुम दोनों में जो हमें ज्यादा खुश करेंगे प्रोतिजोगिता में जित उसीका होगा। किया तुम दोनों मुझे खुश कर सकते हो?
मछली खाने बाला भूत ने कहा, अरे ये बात हे, में तुझे इतना खुश करूँगा जो तूने सोच भी नहीं सकता। उसके बाद मछली खाने बाला भूत लालू को एक मटकी सोने का मोहोर दिया। और कहा ये ले सोने का मोहोर अब तो तू खुश हे ना?
लूलू ने कहा, हाँ हाँ में बहुत खुश हु लेकिन अब दूसरे भूत जी की बारी हे। तब दूसरा भूत ने कहा, अभी में तुझे खुश करता हु रुक। ये कहकर दूसरा भूत ने और भी ज्यादा सोने का मोहोर दिया। अब बता तू किसके ऊपर ज्यादा खुश हे?
में तो तुझे उससे जगा सोने की मोहोर दिया। मछली खाने बाला भूत ने कहा, रुक में तुझे और भी सोने का मोहोर देता हु। ये कहते हुए मछली खाने बाला भूत लालू को और भी जगा सोने का मोहोर दिया और कहा किया रे अब तो खुश हे ना?
उसके बाद दूसरा भूत भी लालू को उससे जगा मोहोर दिया दोनों भूत मिलकर लालू को मोहोर देने की प्रोतिजोगिता शुरू किया।
इतना सोने की मोहोर देखकर लालू को चक्कर आने लगा और मन ही मन में सोचा देखा कैसे तुम दोनों को मुर्ख बनाकर इतना सोने की मोहोर ले लिया। अब तुम दोनों यहाँ से भागने की बंदोबस्त करता हु।
लालू ने कहा, सुनो में तुम दोनों से ही समान रूप में बहुत खुश हु। मछली खाने बाला भूत ने कहा, इससे तो हम दोनों में से कोई भी नहीं हारा, फ़ी होगा?
लालू ने मन ही मन में सोचा, अब तुम दोना का मरन होगा रुक अभी दिखता हु। ये सोचते हुए कहा सुनो अब तुम दोनों का एक नया प्रोतिजोगिता होगा, जो पेहेले आसमान को छुएगा उसीका ही जित होगा।
तुम दोनों इस प्रोतिजोगिता से राजी हो? मछली खाने बाला भूत ने कहा, हाँ में राजी हु में सबसे पेहेले आसमान को छुऊंगा। तभी दूसरा भूत ने कहा, तो कहने से हो जायेगा में सबसे पेहेले आसमान को छुऊंगा।
तब लालू ने कहा, फिर देर किस बात की तुम दोनों अभी का अभी आसमान छूने का प्रोतिजोगिता शुरू कर दो? ये केहेती ही बह दोनों आसमान छूने की प्रोतिजोगिता शुरू कर दिया।
उसके बाद लालू हस्ते हुए कहा, मुर्ख भूत देखा में कैसे तुम दोनों को मुर्ख बनाया अब तुम दोनों पूरी जिन्दगी में भी आसमान को छू नहीं सकता।
अब में ये सारा सोने की मोहोर गांव की लोगो को बाट दूंगा। मछली खाने बाला भूत ने गांव की बहुत लोगो को बर्बाद करके रख दिया हे लेकिन अब से गांव बालो की दुःख का दिन ख़तम अब से गांव में सिर्फ शांति और शांति रहेगा।
निष्कर्ष
बच्चों आज की भूतों की मजेदार कहानियां से हमने किया सीखा? आज की कहानी से हमने सीखा की हमारे बुद्धि से हम बड़े से बड़े शक्तिओं को भी आसानी से पराजित कर सकता हे।
क्यूंकि बुध्दि की आगे बल कुछ भी नहीं हे। इसलिए हमें हमेशा सूझ बुझ कर चलना चाहिए ताकि हमारे सामने अगर कोई भी मुसीबत ए तो उसका समाधान हम आसानी से कर सके।
भूतों की मजेदार कहानियां FAQ
Q. भूतों की मजेदार कहानियां से हमें किया सिखने को मिला?
A. भूतों की मजेदार कहानियां से हमें सीख मिला हे की बुध्दि से बढ़कर और कुछ शक्ति नहीं हे। बुध्दि ही सर्बश्रेष्ठ शक्ति हे।
Q. किया सभी भूत बुरा होता हे?
A. नहीं सभी भूत बुरा नहीं होता।
Q. भूत ज्यादातर कहा रहता हे?
A. भूत ज्यादातर पैर में रहता हे।
Q. किया भूत सही में मछली खाते हे?
A. कुछ लोगो का मानना हे की कुछ भूत ऐसा होता हे जो उन्हें मछली खाना पसंद हे।
Q. Bhoot ki Majedar Kahaniya में कोन सी गांव की बारेमे बताया गया हे?
A. Bhoot ki Majedar Kahaniya में शांति पुर नाम के एक गांव की बारेमे बताया गया हे।
Q. Kids Horror Story का हिंदी में किया मतलब होता हे?
A. Kids Horror Story का हिंदी में मतलब होता हे बच्चों की डरावनी कहानी।
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