रियल लाइफ रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी – Real Life Romantic Love Story in Hindi

आजकी कहानी Real Life Romantic Love Story in Hindi बास्तबिक जीबन से जुड़ा हुआ कल्पना और मयंक की एक सच्ची प्यार की रोमांटिक कहानी।

Real Life Romantic Love Story in Hindi

प्यार एक ऐसी चीज हे जो दुनिया की हार सभी इंसान ने कम ज्यादा करते ही हे। लेकिन Real Life Romantic Love Story in Hindi बास्तब में सच्चा प्यार करने बाला बहुत ही कम देखने को।

क्यूंकि प्यार एक पबित्र रिस्ता हे और इसी रिश्ते को बहुत से इंसान गलत तारीखों से देखते हे और करते हे भी हे लेकिन जो सच्चा मन से बिना कोई सवर्थ से प्यार करता हे बही इंसान सच्चे प्यार का हकदार हे।

लेकिन सवाल ये भी उठता हे की, किया सच्चा प्यार करने बालों को उनका प्यार मिलता हे? दोस्तों, ये सवालों की जबाब भी मेरे पास लेकिन हम इस कहानी की माध्यम से थोड़ा समझा ने कोसिस करता हु।

तो चलिए Real Life Romantic Love Story in Hindi इस कहानी के तरफ आगे बढ़ते हे और जानते हे की बास्तब जीबन में सच्चा प्यार कैसे होता हे।

Romantic Kahani | रोमांटिक लव स्टोरी

रियल लाइफ रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी - Real Life Romantic Love Story in Hindi
Real Life Romantic Love Story in Hindi

ये कहानी शुरू होती हे 2018 में। तब मयंक 25 साल की उम्र में हरियाणा में एक प्राइवेट कंपनी में जब करता था लेकिन उनका असली घर मध्य प्रदेश की शिवपुरी में था।

और बह जब की सिलसिले में हरियाणा की गुरगाँव में अकेले ही रहता था। मयंक उनकी माता-पिता की इकलौता संतान था इसलिए बह घर की बहुत ही लाडला था।

मयंक की ऑफिस हर हप्ते की रविवार को छुट्टी रहता था और मयंक को उस दिन छुट्टी मिलने की कारन बह हर रविवार की साम की बक्त उनके घर से थोड़ा दूर एक पार्क में घूमने केलिए जाता था।

मयंक ने एक दिन रविवार को पार्क में घूमने केलिए गया और बह थोड़ा पार्क में योग ब्यायाम किया और थोड़ा थकान महसूस होने पर पार्क की एक बेन्च में जाकर बैठ गया।

मयंक बैठा ही तभी देखा की उसके पास वाला एक बेन्च पर एक औरत साथ एक बच्ची बैठी हे। और मयंक देखा की बह औरत थोड़ा उदास हे।

मयंक ने नजर अंदाज करते हुए पार्क की चारो तरफ नजर घुमाकर देखने लगा। कुछ ही देर बज जान मयंक की नजर उस बेन्च पर पड़ी तो देखा की बह औरत और बच्ची बहा नहीं हे।

थोड़ा साम की अँधेरा भी हो चूका था तभी मयंक ने उस बेन्च पर धुंदला धुंदला सा नज़ारे से देखा की एक लाल रंग कोई चीज पड़ा हे। क्यूंकि पार्क में ज्यादा लाइट ना होने की बजह से उसे साफ साफ नजर नहीं आ रहा था।

मयंक ने जब उठकर उस बेन्च पर गया तो देखा की एक लाल रंग की लड़किओं की बैग पड़ा हे। मयंक को लगा सईद बह बैग उसी औरत का होगा जो उसके साथ एक छोटी बच्ची थी। सईद बह जल्द बजी में भूल गयी होगी।

मयंक ने बह बेग को पार्क में ना खोलकर बह बेग लेकर आपने घर में चला आया। मयंक ने उसदिन एक होटल से खाना पार्सल लेकर आया था इसलिए मयंक को उस रात को खाना बनाने की जरुरत नहीं पड़ा।

मयंक ने थोड़ा फेश हुआ और तभी उसे बह बेग की याद आया। मयंक ने सोचा की सईद बेग की अंदर उनकी कोई फ़ोन नंबर या कोई घर की पाता होगा।

ये सोचकर जब मयंक ने बह बेग को खोलकर देखा तो मयंक को उस बेग में कुछ पैसे और एक डॉक्टर की पर्ची मिला। ना उस बेग में कोई फ़ोन नंबर था ना तो कोई पाता।

मयंक ने डॉक्टर का पर्ची देखा तो उस पर्ची में डॉक्टर का पाता दिया हुआ था और बह डॉक्टर का चेम्बर मयंक की घर से आधा घंटे की दुरी पर था।

अगले दिन सुबह मयंक ने आपने ऑफिस से 2 घंटे की छुट्टी लेकर उस डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर से पूछने पर पता चला की बह औरत के नाम कल्पना हे और उसके एक छोटा 5 साल की बेटी हे जिसका नाम अंजलि हे।

और उनकी फ्लैट पास के एक सोसाइटी में हे। मयंक देर ना करके तुरंत उस पते पर पहुंच गया और फ्लैट की घंटी बजाई।

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कल्पना ने दरबाजा खोला और पूछा कौन हो आप?

मयंक ने बह बेग देते हुए कहा, जी मेडम में मयंक हु और सईद ये बेग आपकी हे जो कल साम की बक्त पार्क में छूट गया था। मुझे बेग में डॉक्टर की पर्ची मिला था तो डॉक्टर से आपकी पता पूछकर यह तक आयी।

कल्पना ने कहा, हाँ हाँ ये बेग मेरा ही हे जो मुझसे कल खो गया था और कल से में ये बेग को लेकर बहुत ही परेशान था। ये कहते हुए मयंक को घर के अंदर बुलाया और बेग लौटाने केलिओए कल्पना ने मयंक को ध्यनबाद कहा।

मयंक ने कहा, आज नहीं कभी दूसरे दिन आऊंगा।

कल्पना ने कहा, आपने हमारी इतना मदत की घर के अंदर आकर थोड़ा बैठ जाइये।

मयंक ने कल्पना की बात टाल नहीं पाया और बह अंदर जाकर डाइनिंग रूम में सोफे में बैठ गया।

कल्पना ने कहा, आप किया लेंगे, चाय कॉफी?

मयंक ने कहा, सिर्फ एक गिलास पानी पीला दीजे।

कल्पना ने मयंक को गिलास पानी दिया और पानी पीकर मयंक ने बहा से चला आया। और सीधा बह आपने कंपनी में चला गया।

एक हप्ता बाद मयंक ने रविवार को बही पार्क में घूमने केलिए गया और इत्तेफाक से कल्पना उसे बही पार्क में मिल गया। कल्पना ने मयंक को देखकर उनसे मिलने केलिए आया।

अर कहा, पहचान रहे हो में कल्पना हु?

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मयंक ने कहा अरे हाँ मेडम, आप किसी हो और आपके बेटी किसी हे?

कल्पना ने कहा हाँ में ठीक हु और मेरी बेटी भी ठीक हे। दरसल आज में आपने बेटी को पड़ोस के घर में रख कर डॉक्टर से मिलने केलिए आया था।

मयंक ने कहा, अच्छा और फिर दोनों में बहुत बाते हुयी। बह दोनों बहुत ही जल्दी एक दूसरे का दोस्त बन गए थे।

मयंक ने कल्पना से कहा की, अगर आप बुरा ना मनो तो एक बात पुछु?

कल्पना ने कहा पूछो?

मयंक ने कहा, आप हर रविवार को डॉक्टर के पास जाते हो, किया बात हे? कोई बीमार हे?

कल्पना ने कहा, सब कुछ बताऊंगा अगर आपको बक्त मिले तो घर में आ जाना दोनों मिलकर बहुत बाते करेंगे। और अभी मुझे जाना हे क्यूंकि अंजलि पडोसी के पास अकेला हे। ये कहते हुए कल्पना बहा से चला गया।

मयंक ने कुछ दिन बाद ही कल्पना की घर में गया। आपको बता दू की कल्पना दिखने में बहुत ही खूबसूरत था मयंक ने कल्पना को पसंद करने लगा था।

कल्पना ने घर के दरबाजा खोला और मयंक को बैठने को कहा। बह दोनों बाते करते करते जब एक दूसरे के बारे में जान ने केलिए पूछा तो पहले मयंक ने आपने बारे में सारे बात बताई।

मयंक की सारि बाते सुनने के बाद कल्पना ने कहा, में इस फ्लैट में, में और मेरा बेटी अंजलि दोनों रहती हु और में एक ऑफिस जॉब करती हु।

मेरा पति का 2 साल पहले एक कार एक्ससीडेंट में मौत हो गयी और मेरा ससुराल बाले मेरा पति का मौत के जिम्मेदार मुझे ही मानता हे इसलिए बह लोग मुझे अपनाया नहीं।

तब से हम दोनों यहाँ अकेला ही रहता हु। और मेरा आपने माता-पिता भी मुझसे कोई संपर्क नहीं करता। कल्पना की दुःख भरी कहानी सुनकर मयंक की आँखो में असू आ गए थे।

तभी मयंक ने कहा, डॉक्टर?

कल्पना ने कहा, में आपने बेटी अंजलि केलिए डॉक्टर के पास जाती हु क्यूंकि अंजलि की दिल में एक छोटा सा छेद हे और डॉक्टर ने कहा की 6 महीना के अंदर ऑपरेशन करना पड़ेगा। नहीं तो?

और मेरे पास उतना पैसा भी नहीं हे जिसे में अभी अंजलि का ऑपरेशन कर सकू। में किया करू मुझे समझ नहीं आ रहा हे।

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इसलिए में कुछ दिनों से परेशान हु क्यूंकि उसे अकेले छोड़कर ऑफिस जाने में भी मुझे डर लगता हे। इसलिए कुछ दिन से में ऑफिस से छुट्टी लिया हु ताकि अंजलि का ठीक से देख्भाल कर सकू।

मयंक ने कहा, अंजलि का ऑपरेशन केलिए डॉक्टर ने कितना पैसा माँगा हे?

कल्पना ने कहा, छोड़ो बह सब बाते में कुछ ना कुछ बंदोबस्त कर लूंगा। ये कहने के बाद कल्पना ने मयंक को चाय दिया और मयंक ने चाय पीकर कल्पना की घर से चला गया और कहा बाद में मिलता हु।

अगले ही रविवार को मयंक ने डॉक्टर के पास जाकर अंजलि के बारे में बात की तभी डॉक्टर ने बताया की अंजलि का ऑपरेशन में ढेर लाख की खर्चा आएगा। और जितना जल्दी ऑपरेशन करेगा अंजलि के लिए उतना ही अच्छा हे।

मयंक ने कहा, डॉक्टर आप अगले मेहनी ही अंजलि की ऑपरेशनका तैयारी कीजे में अगले हप्ते में आपके पैसे जमा कर दूंगा।

ये कहते हुए मयंक ने अगले हप्ते में कल्पना को बिना बताये पैसा जमा कर दिया। कल्पना जब डॉक्टर के पास आया तो डॉक्टर ने कल्पना को मयंक के बारे में सब कुछ बता दिया।

कल्पना मयंक को तुरंत फ़ोन किया और आपने घर में बुलाया। मयंक साम को जब कल्पना की घर में गया तब कल्पना कहा, तुमने पैसा क्यों दिया? दया दिखा रहे हो मुझ पर?

मयंक ने कहा, नहीं कल्पना में तुम्हे दया नहीं दिखा रहा हु, एक अच्छा दोस्त की नाते में तुम्हे अंजलि की इलाज केलिए थोड़ा मदत कर रहा हु और अंजलि भी तो मेरी बेटी जैसा हे?

कल्पना ने कहा, बेटी जैसा मतलब?

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मयंक ने कहा, में तुमसे एक सच बात केहेती हु बुरा मत मानना अगर तुम्हे मेरी बात पसंद नहीं आया तो मुझे माफ़ कर देना लेकिन प्लीज बुरा मत मानना।

देखो कल्पना में तुम्हे कुछ नहीं छुपाऊंगा, तुम इतना खूबसूरत हो की मुझे तुमसे बिना प्यार किये रहा नहीं गया, कल्पना में तुम्हे बहुत प्यार करता हु और में तुम्हे शादी करना चाहती हु।

कल्पना की पति के जाने के बाद बह भी बहुत ही अकेला हो गया था इसलिए उसे भी एक अच्छा और सच्चे मन के हमसफ़र की जरुरत थी इसलिए कल्पना ने मयंक की प्रस्ताब को स्बीकार कर लिया।

और इस रिश्ते से बह दोनों भी बहुत खुश थे और अंजलि भी खुश थे। बह दोनों फैसला किया की अंजलि के ऑपरेशन के बाद ही शादी करेंगे।

1 महीना महीना के बाद अंजलि का ऑपरेशन बहुत ही अच्छे से सफलता के साथ हो गया और उसके बाद दोनों कोर्ट में जाकर शादी कर लिया।

पेहेले तो मयंक के माता-पिता उसके शादी को नहीं माना था लेकिन 1 साल के बाद बह दोनों को अपना लिया था। अब मयंक और कल्पना अंजली के साथ अपने जिंदगी में बहुत खुश हे।

निष्कर्ष

जो इंसान सच्चा प्यार करता हे बह कभी जाती, धर्म, रूप देखकर प्यार नहीं करता। सच्चा प्यार उनकी दिल में होना चाहिए।

आज की Real Life Romantic Love Story in Hindi मयंक और कल्पना की कहानी आपको केसा लगा कमेंट करके जरूर बताना और अपने दोस्तों को शेयर करना ना भूले।

रियल लाइफ रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी FAQ

Q. सच्चा प्यार करने बालो को उनके प्यार मिलता हे की नहीं?

A. सब के मन ये ये सवाल कभी ना कभी आते ही हे, देखिये इस दुनिया में सब इंसान प्यार करता हे लेकिन कभी कभी किसी मज़बूरी की बजह से बहुत ऐसे कम इंसान को सच्चा प्यार करेने बालो को उनकी प्यार नहीं मिलता।
मगर ज्यादातर इंसान को आपने सच्चा प्यार मिल ही जाता हे।

Q. रियल लाइफ रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी का किया मतलब होता हे?

A. रियल लाइफ रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी का मतलब जो इंसान आपने बास्तब जीबन में बिना कुछ सवर्थ से दूसरे इंसान से सच्चा दिल से हे।

Q. Romantic Love Story in Hindi का हिंदी में अर्थ किया हे?

A. प्रेम प्रसंगयुक्त प्यार की कहानी हिंदी में।

Q. Romantic Kahani में अंजली को कौनसा बीमारी हुआ था?

A. अंजली को (Ventricular septal defect) दिल में छेद (Hole in the heart) का बीमारी हुआ था।

Q. मयंक कल्पना को पहेली बार कहा देखा था?

A. मयंक कल्पना को पहेली बार पार्क में देखा था।

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