आज की ‘भूत की कहानी डरावनी‘ एक ट्रेन से जुड़ी नीलेश की कहानी हे। नीलेश रोज की तरह आज भी ऑफिस के बाद ट्रेन से घर में आ रहा था लेकिन आज जो उसके साथ हुआ बह कभी कल्पना में भी सोचा नहीं था।
भूत की कहानी डरावनी | Haunted Train
भूत एक ऐसी शैतानी बुरी आत्मा हे जो इंसान उसके सामने आएगा उसका हालात इतना बुरा होता हे आप सोच भी नहीं सकते। क्यूंकि बह शैतानी बुरी आत्मा कब कहा और किस बक्त रहता हे किसीको पाता नहीं होता।
भूत या शैतानी बुरी आत्मा समशान में, घने जंगलो में, खंडोरो में, बहुत पुरानी हवेली में जहाँ कोई नहीं रहता, परित्यक्त घरो में जहाँ किसी इंसान की आना जाना ना हो यहाँ भूतो का निबास होता हे, ये तो सभीने लोगो की मुँह पर बहुत सुने हे।
लेकिन ट्रेन में या रेलवे स्टेशन में भी भूत रहता हे ये थोड़ा अजीब सा लगता हे। ‘भूत की कहानी डरावनी‘ ये कहानी पढ़कर आपको पता चलेगा की सच में ट्रेन में भूत हे की नहीं।
ट्रेन हॉरर स्टोरी इन हिंदी | भूत की कहानी हिंदी में
नीलेश कोलकाता में उसके मामा की घर में रहता था और बह कोलकाता में एक आईटी कंपनी में जब करता था। और उसका सिफ्ट एक हप्ते में बदल ता रहता था।
बह घर से ऑफिस ट्रेन से जाता था और ऑफिस से घर ट्रेन से आता था। नीलेश की सिफ्ट उस हप्ते में दोपहर से रात 10 बजे तक की थी। नीलेश ऑफिस के काम खतम करने के बाद साइकेल से रेलवे स्टेशन आया।
नीलेश साइकेल को रेलवे स्टेशन के बाहार गैरेज करके स्टेशन की प्लैटफॉर्म में आकर आपने ट्रेन का इंतजार करने लगा। बह नीलेश की घर जाने का आखड़ी ट्रेन था।
नीलेश को अचानक स्टेशन में लगी LED Bord पर गया तो देखा की उसमे ट्रेन को कोई भी इनफार्मेशन नहीं दिया हुआ था और LED Bord बार बार ऑन ऑफ हो रहा था। ये देखकर नीलेश को थोड़ा अजीब लगा।
अचानक ही स्टेशन में लाइट चली गयी और पूरा स्टेशन काली अँधेरा में छा गया। कही पर भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। तबतक नीलेश का ट्रेन प्लैटफॉर्म में आ गया।
नीलेश भी बाकि पैसेंजर के साथ साथ ट्रेन में चढ़ गया। नीलेश ने घड़ी देखा तो उस बक्त 11 बज रहा था। आज ट्रेन में कुछ ही पैसेंजर थे।
नीलेश ने अपना हेडफोन निकला और फ़ोन के साथ कनेक्ट करके गाना सुनने लगा। पूरा दिन की थकान से उसे कब नींद लग गया पता नहीं चला।
तभी अचानक उसका फ़ोन बजने लगा और फ़ोन का बजने से नीलेश की नींद खुल गया। नीलेश ने देखा की उसकी मामा जी ने फ़ोन किया।
नीलेश ने फ़ोन उठाया तो मामाजी ने कहा नीलेश बेटा ट्रेन मिल गया हे ना? नीलेश ने कहा हाँ मामाजी ट्रेन मिल गया हे आप चिंता मत कीजे में जल्दी ही पहुंचने जाउंगी।
मामाजी ने कहा बेटा कोनसा स्टेशन आ गया? मामाजी के बात सुनकर जब नीलेश ने आँख खोला तब देखा की कोच बिल्कुल अँधेरा था और कोई उसे दिखाई नहीं दे रहा था।
ट्रेन में कोई भी LED Display नहीं दिखाई दे रहा था ना तो अनाउंसमेंट सुनाई दे रहा था। ये देखकर नीलेश बहुत घबरा गया और मामाजी को कहा,
मामाजी मुझे कुछ गरबरी लग रहा हे क्यूंकि ट्रेन में लाइट नहीं हे और कोई भी LED Display और ना तो अनाउंसमेंट सुनाई दे रहा हे।
मामाजी ने कहा, आसपास कोई पैसेंजर से पूछो की किया हो रहा हे? नीलेश ने कहा मामाजी हमारी पूरा कोच में कोई भी नहीं हे पूरा कोच खली पड़ा हे और में अकेली हु इस कोच में।
मामाजी ने कहा, किया बोल रहा हो नीलेश बेटा, मुझे तो तुम्हारी बात सुनकर बहुत डर लगरहा हे। बेटा ट्रेन जब अगले स्टेशन पर रुकेगा तब मुझे फ़ोन कर देना में तुम्हे लेने आ जाऊंगा।
नीलेश ने कहा, ठीक हे मामाजी। नीलेश बहुत परेशान था और बह अगले स्टेशन आने की प्रतीक्षा कर रहा था। रोज ये ट्रेन हर 10 से 12 मिनिट में अगले स्टेशन पर रूकती थी लेकिन आज 25 मिनिट हो ये ट्रेन रुकने की कोई नाम ही नहीं ले रहा था।
नीलेश को अब थोड़ा घबराहट महसूस हो रहा था और उसे कोई पता नहीं चल रहा था की बह ट्रेन अब कौन सी जगह पर हे।
नीलेश ने सोचा की बह ड्राइबर की केबिन पर जाकर उसे पूछे की ये ट्रेन कहा पर हे और अभी तक कोई स्टेशन पर क्यों नहीं रुका।
ये सोच कर नीलेश ड्राइबर की केबिन की तरफ बढ़ने लगा और ड्राइबर की केबिन पर पहुंच ते ही दरबाजा खट खटने लगा लेकिन कोई जबाब नहीं मिल रहा था।
नीलेश लगातार दरबाजा खट खटने पर भी उसे ड्राइबर की कोई जबाब ना मिलने पर नीलेश को डर के मरे ससे बंद हो रही थी। अपने मन को शांत करके फिर से अपने सीट पर आकर बैठ गयी।
अब नीलेश को सिर्फ स्टेशन आने की इंतजार था ताकि बह स्टेशन पर उतर कर किसीसे मदत मांग सके और उनके मामाजी को बहा बुला सके।
एहि सोचते सोचते 5-10 मिनिट और बीत जाते हे और तभी अचानक ट्रेन का स्पीड कम होने लगती हे। ट्रेन का स्पीड कम होने पर नीलेश की जान में जान आता हे और कुछ देर के बाद ट्रेन एक स्टेशन पर रुक जाता हे।
बह स्टेशन पर भी काली अँधेरा में छाया हुआ था कही पर भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। नीलेश ने ट्रेन से ही खिड़की से झक कर देखा की उस स्टेशन पर एक भी इंसान नहीं था।
पूरा स्टेशन की प्लैटफॉर्म बिलकुल सुनसान था। ये देखकर नीलेश को बहुत डर लगने लगा। ना तो कोई इंसान ट्रेन की अंदर था ना तो कोई इंसान स्टेशन पर था।
नीलेश की दिमाग में कुछ नहीं आ रहा था की उसके साथ किया हो रहा हे। तभी बह अपना फ़ोन निकला और मामाजी को फ़ोन किया।
नीलेश ने कहा, मामाजी ट्रेन कोई स्टेशन पर रुकी हे लेकिन स्टेशन पर काली अँधेरा छा हुयी हे। कुछ दिखाई नहीं दे रहा हे। कोई स्टेशन का बोर्ड भी नजर नहीं आ रहा हे।
और स्टेशन की प्लैटफॉर्म बिलकुल सुनसान हे कोई भी इंसान दिखाई नहीं दे रहा हे। मुझे समझ में नहीं आ रहा हे में किया करू?
मामाजी ने कहा, बेटा तुम्हारा फ़ोन से एकबार नेट ऑन कर एक बार Live Location चैक करो तुम्हे पता लग जायेगा की तुम अभी कौन सी जगह में हो।
मामाजी की कहने पर नीलेश आपने फ़ोन से Live Location चैक करता हे और देखता हे की बह किसी अनजान जगह पर हे।
और बह जगह को JPS भी ट्रैक नहीं कर पा रहा था। ये देखकर नीलेश की होश उड़ जाता हे बह सोचता हे स्टेशन की Live Location चैक क्यों नहीं हो रहा हे।
बह डरते हुए फिर से आपने मामाजी को फ़ोन करता हे और कहता हे, मामाजी पता नहीं मेरा साथ किया अनहोनी हो रहा हे। इस जगह को JPS भी ट्रैक नहीं कर पा रहा हे।
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा हे में कहा जाऊ किया करू किससे पुछु। मुझे बहुत डर लग रहा हे मामाजी। आप जल्दी आ जाओ और मुझे यहाँ से ले जाओ?
तभी अचानक फ़ोन की नेटवर्क चला जाता हे और फ़ोन कट हो जाता हे। नीलेश को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। तभी नीलेश ट्रेन से उतारकर चारो तरफ नजर घूमती हे लेकिन उसे कोई भी इंसान नजर नहीं आता।
नीलेश स्टेशन से बाहार की तरफ जाने की रास्ता ढूढ़ने लगता हे तभी अँधेरा में उसे प्लैटफॉर्म की सामने की तरफ एक बड़ा सा बोर्ड दिखाई देता हे।
नीलेश ने सोचा सईद इस बोर्ड पर स्टेशन की नाम लिखा हुआ हे में फ़ोन की चर्च जलाकर देखता हु। तभी नीलेश आपने फ़ोन की चर्च जलाकर उस बोर्ड की देखा।
उस बोर्ड को देखते ही नीलेश की पूरा बदन कांपने लगता हे क्यूंकि बह बोर्ड पूरी तरह से तजा खून से भरा हुआ था और बह बोर्ड से अभी भी खून टपक रही थी।
ये देखकर नीलेश घबराते हुए आपने ट्रेन की अर तेजी से भागने लगती हे तभी……..
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निष्कर्ष
आज की Haunted Train की ‘भूत की कहानी डरावनी‘ कहानी आपको केसा लग रहा हे कॉमेट करके जरूर बताइये।
जब नीलेश खून से लतपत बोर्ड को देखिए हुए तेजी से ट्रेन की अर भागने लगा तब उसके साथ किया हुआ? नीलेश की पूरी कहानी पड़ने केलिए ऊपर में दिए हुए लिंक पर जरूर क्लिक करे।
भूत की कहानी डरावनी FAQ
Q. भूत की कहानी केसी होती हे?
A. भूत की कहानी बहुत भयानक और डरावनी होती हे।
Q. भूत की कहानी डरावनी में नीलेश किसका घर में रहता था?
A. भूत की कहानी डरावनी में नीलेश उसके मामाजी की घर में रहता था।
Q. Bhoot ki Kahani Darawni में नीलेश कौन सी कंपनी में जॉब करता था?
A. भूत की कहानी डरावनी में नीलेश एक आईटी कंपनी में काम करता था।
Q. भूत की किया पहचान हे?
A. बसे तो भूत की कोई भी रंग रूप नहीं होता लेकिन लोगो की मानना हे की भूत पैर उल्टे होता हे और सफ़ेद कपड़े पहना हुआ रहता हे।
Q. भूत कहाँ रहता हे?
A. भूत शमशान, कब्रिस्तान, घने जंगलो, पुराना घर जहा कोई भी इंसान नहीं आता, खंडरो में भूतों का निबाश होता हे।
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