आज की बच्चों की रात की कहानियां बहुत ही डरावनी होने बाला हे। इसलिए बच्चों अपने घर की दरबाजा, खड़की अच्छे से बंद कर लो और घर की लाइट बंद करके कम्बल की अंदर छुप जाओ, नहीं तो भूत आपकी पीछा नहीं छोड़ेगा।
बच्चों की रात की कहानियां
आज की “बच्चों की रात की कहानियां” पश्चिमबंगाल की एक ऐसी हॉस्टल की हे जो यहाँ रहने बाले बच्चों का कहना हे की ये एक भूतिया हॉस्टल हे।
क्यूंकि बहुत सारे बच्चों का ये भी कहना हे की हॉस्टल की बाहार पार्क में रात को कोई झूला झूलते हुए किसीसे बाते कर रही हे।
लेकिन जब रात को झूला झूलने की आवाज आता हे तब हॉस्टल के रहने बाले बच्चे जब खिड़की खोलकर उस झूले को देखता हे तो उन्हें बहा कोई भी नहीं दिखाई देता। और झूले अपने आप झूलते रहता हे।
Haunted Hostel | भूतों की कहानी
आज की ये बच्चों की रात की कहानियां इसी पश्चिमबंगाल की एक हॉस्टल में रहने बाले एक छात्र मोहन के साथ घटी हुयी एक बहुत ही भयानक और दर्दनाक डरावनी घटना हे। जो 10 सालों बाद भी बह आज तक भूल नहीं पाया।
ये कहानी 2012 की दार्जिलिंग का एक बॉयज बोर्डिंग स्कूल का हे। मोहन और उनका एक दोस्त सुरेश 1 साल से इसी बॉयज बोर्डिंग स्कूल का हॉस्टल में रह रहे थे।
हॉस्टल की उस कामरा में मोहन और उसका दोस्त सुरेश सिर्फ दोनों ही रहता था। उन दोनों दोस्तो का घर पुरुलिया जिला में था बह दोनों पढ़ाई में बहुत ही अच्छा था।
एकदिन अचानक सुरेश की घर से सुरेश की माँ ने स्कूल प्रिंसिपल के पास फ़ोन किया और कहा की उसका दादाजी बहुत ही बीमार हे इसलिए उसका पापा कल स्कूल में जाकर सुरेश को 1 हप्ते केलिए लेकर आएगा।
सुरेश की माँ की बात सुनकर प्रिंसिपल ने सुरेश की 1 हप्ते की छुट्टी मंजूर कर दिया और अगले दिन ही सुरेश की पापा आकर सुरेश को आपने साथ घर लेकर चला गया।
उस कमरे में सिर्फ मोहन ही अकेला था। मोहन कभी भी अकेला उस कमड़े में रहा नहीं था हमेशा सुरेश के साथ ही रहता था लेकिन सुरेश की घर जाने की बजह से मोहन को उस रात अकेला ही उस कमड़े में सोना पड़ा।
रात की जब 1 बज रहा था तब मोहन की कामड़े का दरबाजा किसीने ठक ठकाने लगा और कहने लगा मोहन दरबाजा खोल। लेकिन मोहन गहरा नींद में था इसलिए बह आवाज ठीक से सुन नहीं पाया।
लेकिन थोड़ी देर बाद फिर से किसीने दरबाजा ठक ठकाने लगा। तब मोहन नींद से जग उठा और सोचने लगा की इतना रात हुए कौन हो सकता हे।
ये सोचते ही सोचते फिर से दरबाजा ठक ठकाते हुए कहने लगा मोहन में सुरेश हु जल्दी से दरबाजा खोल में बाहार अकेला खड़ा हु।
मोहन को इसबार बह आवाज साफ साफ सुनाई दिया की ये तो सुरेश का आवाज हे। मोहन हैरान हो गया क्यूंकि सुरेश तो उसके पापा के साथ आज ही हॉस्टल से अपना घर गया हे।
तो सुरेश इतना रात को यहाँ कैसे आ सकता हे और तभी फिर से सुरेश ने दरबाजा ठक ठकाते हुए आवाज दिया जल्दी दरबाजा खोल ना मोहन में बहुत देर से बाहार खड़ा हु।
लेकिन इसबार मोहन बिना कुछ सोचे कहा रुक में अभी दरबाजा खोलता हु। और मोहन जब दरबाजा खोला तब देखा की सच में ही दरबाजे में सुरेश ही खड़ा था।
मोहन ने सोचा की सुरेश की घर तो यहाँ से बहुत दूर हे कम से कम 10 घंटे की रास्ता हे फिर बह कैसे बपाश आ गए और बसे तो बह 1 हप्ते की छुट्टी लिया था। एहि सब सोचकर मोहन सुरेश से पूछा,
किया हुआ घर गया नहीं और पापा किधर हे? सुरेश ने कहा पापा ने कहा अब घर जाने की जरुरत नहीं हे तुम्हारे दर्दजो अब बिलकुल ठीक हे बाद में एकदिन में तुमको घर लेकर जाऊंगा।
मोहन ने कहा अच्छा ठीक हे जल्दी अंदर आजा मुझे बहुत ही नींद आ रहा हे कल सुबह स्कूल भी तो जाना हे। ये कहकर दोनों आपने आपने बिस्तर पर सोने चला गया।
मोहन को सोते हुए कुछ ही समय हुआ था तभी मोहन महसूस हुआ की उसका सामने कोई खड़ा हे। मोहन ने झट से आँखे खोलकर देखा तो सामने खड़ा हुआ था।
सुरेश को बहा खड़ा होते हुए देखकर मोहन को थोड़ा अजीब सा लगा। मोहन ने सुरेश से कहा, किया हुआ तुझे नींद नहीं आ रहा हे किया?
सुरेश ने कहा पाता नहीं मोहन उस बिस्तर पर मुझे नींद नहीं आ रहा हे और थोड़ा डर भी लग रहा हे, आज में तेरे साथ ही सयुंगा।
मोहन को लगा रास्ते में सईद कुछ देखा होगा इसलिए सुरेश को डर लग रहा होगा इसलिए मोहन ने सुरेश को आपने साथ सोने दिया।
मोहन को नींद आने ही बाला था तभी उसे महसूस हुआ की कोई उसका गले में हाथ बुला रहा हे। मोहन ने सोचा की सुरेश ने ही नींद में मेरा गले में हाथ बुला रहा हे।
मोहन जब उसे माना करने केलिए पटल कर देखा तो मोहन की रोंगटे खड़ा हो गया और मोहन की दिल का धड़कन बहुत तेज होने लगा।
मोहन ने देखा की सुरेश की जगह पर एक बहुत ही भयानक और डरावनी आदमी सोया हुआ हे और उसका पूरा चेहरा पूरी तरह से जला हुआ था।
मोहों ने ये देखते हुए जोर जोर से चिल्लाने लगा। मोहन की चिल्लाने की आवाज सुनते ही पूरा हॉस्टल की सारे लाइट जल गया और बह आदमी बहा से कहा गायब हो गया।
मोहन को बाहार से हॉस्टल की गार्ड ने बुलाया तब मोहन दरबाजा खोला और गार्ड ने कहा किया हुआ? इतना जोर जोर से चिल्ला क्यों रहे हो?
तब मोहन ने उस गार्ड को आपने साथ हुआ सारे बात बताया। तो गार्ड ने कहा सईद तुमने कोई सपना देखा होगा इसलिए डर गए थे कोई बात नहीं अब सो जाओ में तुम्हारी दरबाजा के पास ही रहूँगा।
ये कहते हुए बह गार्ड भी मोहन की कामड़े से चला गया। लेकिन मोहन को पूरा बिस्वास था की बह कोई सपना नहीं देखा था बल्कि उसके साथ सच में ये हादसा हुआ था।
मोहन ने गार्ड के जाने की बाद फिर से बह आपने बिस्तर पर जाकर लेट गया। लेकिन इतना सब कुछ मोहन के साथ होने के बाद मोहन को नींद बिलकुल भी नहीं आ रहा था बह बही सोच में डूबा हुआ था।
तभी अचानक फिर से मोहन की कामड़े का दरबाजा से ठक ठकाने की आवाज आयी और सुरेश की आवाज से कहा दरबाजा खोल मोहन में सुरेश हु।
फिर से ये आवाज सुनते ही मोहन की पूरा शरीर थर थर से कांपने लगा और मोहन को ऐसा लगरहा था की उसका शरीर में कोई बहुत सारे छोटे छोटे कीड़े छोड़ दिया हे।
उसे लगरहा था की बह सारे कीड़े मुझे काट रहा हे। पूरी रात भर लगातार कोई सुरेश की आवाज में मोहन को बुला रहा था की मोहन दरबाजा खोल में तेरा दोस्त सुरेश हु।
उस रात को मोहन सो नहीं पाया था और जब सुबह हुआ तब सब पेहेले जैसा शांत था। अगले दिन सुबह मोहन आपने पापा को फ़ोन करके पूरी बात बताई और साम होने से पेहेले मोहन की पापा स्कूल में आकर मोहन को आपने साथ घर लेकर चला गया।
तब से मोहन दुबारा उस स्कूल में नहीं। मोहन की पापा ने मोहन को गया घर की पास में एक सरकारी स्कूल में भर्ती कर दिया। तब से मोहन बही सरकारी स्कूल में पड़ने लगा।
निष्कर्ष
इस दुनिया में कुछ ऐसी ऐसी घटनाए घटती हे जो इंसान की सोच समझ की कोसो माइल दूर हे। इंसान चाहा कर भी उस चीजों के बारेमे पाता नहीं कर सकता।
भौतिक घटना किसीके साथ भी हो सकते हे चाहे बह बच्चे क्यों ना हो। लेकिन इसी घटना अगर किसी बच्चों के साथ होता हे तब बह बुरी तरह से एक भयानक सदमे में चला जाता हे।
मोहन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था लेकिन मोहन अब बिलकुल ठीक हे। मगर सईद बह आपने जिंदगी में आपने साथ हुए इस हादसे को कभी भूल पाएंगे।
बच्चों की रात की कहानियां में हम एहि सीखा की अगर कोई भी अनजान ब्यक्ति हमें आपने दोस्तों की आवाज या किसी आपने की आवाज नक़ल करके बुलाता हे तो पेहेले किसी आपने भरोसेमंद ब्यक्ति को खबर दो उसके बाद ही दरबाजा खोलो।
और एक बात बच्चों की रात की कहानियां में हम ने ये भी सीखा हे की बच्चों को रात की बक्त कामड़े में बिलकुल अकेला सोना नहीं चाहिए। नहीं तो मोहन की तरह अपना साथ भी एहि हाल होने बाला हे।
बच्चों की रात की कहानियां FAQ
Q. बच्चों की रात की कहानी का मतलब किया होता हे?
A. बच्चों का रात की कहानी का मतलब – Children’s Night Stories .
Q. Scary Story for Kids at Night का हिंदी में मतलब किया होता हे?
A. Scary Story for Kids at Night का हिंदी मतलब – रात में बच्चों के लिए डरावनी कहानी।
Q. Horror Story for Kids in Hindi का हिंदी में किया मतलब होता हे?
A. Horror Story for Kids in Hindi का हिंदी मतलब – बच्चों केलिए डरावनी कहानी हिंदी में।
Q. बच्चों की रात की कहानी कौन सी जगह की हे?
A. बच्चों की रात की कहानी पश्चिमबंगाल की दार्जिलिंग जिले का हे।
Q. Haunted Hostel की कहानी में सुरेश का घर कहा था?
A. Haunted Hostel की कहानी में सुरेश घर पश्चिमबंगाल की पुरुलिया जिले में था।
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